TraveTv.News के इस कड़ी में निम्न्लिखित मुख्य ख़बरे हैं
- यदि आप कलाकृतियों, प्राचीन वस्तुओं और वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, आर्टिस्टिक या ऐतिहासिक महत्व वाली वस्तुओं में दिलचस्पी रखते हैं तो आज का ये एपिसोड आपके लिए कुछ खास जानकारी लेकर आया है। आज हम करेंगे दक्षिण भारत के कुछ बहुत दिलचस्प museums की।
दरिया दौलत कभी टीपू सुल्तान का ग्रीष्मकालीन निवास था। ये museum बंगलुरु से 150 किलोमीटर दूर mysoor में है। इस संग्रहालय में टीपू सुल्तान से जुड़ी चीज़ें प्रदर्शित हैं। यहां पर टीपू सुल्तान से जुडे oil paintings, pencil sketches, coins, medals, costumes, furniture, arms and ammunitions प्रदर्शित किये गए हैं। सर रॉबर्ट केर पोर्टर की oil painting ‘The storming of Seringapatam’ भी यहाँ डिस्प्ले की गई है। - अंडमान एंड निकोबार में स्थित बे आइलैंड ड्रिफ्टवुड संग्रहालय कुमारकोम के सुंदर गांव में है। यहाँपर superior quality ड्रिफ्टवुड मूर्तियों का एक अनूठा unique collection है। इसमें विभिन्न आकृतियों और डिज़ाइनों की मूर्तियों का बहुत बड़ा collection है।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में अपने पेशेवर कार्यकाल के दौरान, एक महिला स्कूल टीचर समुद्र के किनारे जमा लकड़ी के टुकड़ों को चुनती थीं। इनमें से कुछ लकड़ी के टुकड़े और जड़ें सदियों पुरानी भी हुआ करते थे। यहाँ मौजूद सभी मूर्तियाँ इन्ही लकड़ियों पर बनायीं गई है, जो देखने में बेहद अद्भुद है।
चेन्नई में दक्षिणा चित्रा घूमने के लिए एक शानदार जगह है। इस museum के नाम का मीनिंग है “दक्षिण की तस्वीर” है। जैसा नाम वैसा ही experience ये museum देता है। दस एकड़ भूमि पर बना ये museum दक्षिण भारत की तस्वीर को दर्शाने वाला एक हेरिटेज museum है। इसकी स्थापना 1996 में मद्रास क्राफ्ट फाउंडेशन द्वारा दक्षिण के art-forms को विकसित करने के लिए की गई थी। - नेपियर museum तिरुवनंतपुरम में स्थित आर्ट और nature का अद्भुद experience करवाने वाला museum है। यह संग्रहालय त्रिवेन्द्रम चिड़ियाघर में है, जो भारत के सबसे पुराने zoological gardens में से एक है। चिड़ियाघर की स्थापना 1857 में 55 एकड़ भूमि पर की गई थी। इस ज़ू में 1935 में श्री चित्रा आर्ट गैलरी भी स्थापित की गई। समें कांस्य मूर्तियाँ, प्राचीन आभूषणों, मंदिर-रथ तथा हाथी दांत की बनी वस्तुओं समेत कई अन्य ऐतिहासिक कलात्मक वस्तुएं मौजूद हैं । लोगों को यहां का जापानीज -नाटक लेदर खूब लुभाता है, जो महाभारत तथा रामायण से जुडी कहानियां प्रदर्शित करता है। यहाँ केरल की संपूर्ण समृद्ध विरासत की झलकियाँ मिल जाती हैं। इसे गवर्नमेंट आर्ट म्यूजियम के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी वास्तुकला में भारतीय, चीनी, केरल तथा मुगल कल्चर से जुडी महतवपूर्ण झलकियाँपेश करता है।
केडीएचपी Tea museum एक industry और historic museum है जो दक्षिण भारत में केरल के इडुक्की जिले के एक शहर मुन्नार में स्थित है। इस museum का अधिकारिक नाम टाटा टी museum है संग्रहालय 1 अप्रैल 2004 से शुरू हुआ ये museum चाय बागानों की उत्पत्ति और विकास के पहलुओं के बारे में डिटेल जानकारी प्रदर्शित करता है। museum के एक अलग हिस्से का उपयोग प्राचीन वस्तुओं जैसे मैग्नेटो फोन, टाइपराइटर, आयरन ओवन और पुराने कैलकुलेटर भी प्रदर्शित किये गए हैं। इस tea garden के इतिहास को समझाने के लिए 30 मिनट की एक अच्छी जानकारीपूर्ण वीडियो डॉक्यूमेंट्री भी यहाँ पर प्रदेर्शीत की जाती है। - बात अब करते हैं एक अद्भुत museum की, जो एक वर्चुअल experience देने के साथ साथ बहुत researched के साथ तैयार की गई जानकारी भी देता है। हम बात कर रहे है Kodava कल्चर से जुडी हर जानकारी देने वाले ऑनलाइन प्लेटफार्म, Sandooka Museum की। कर्नाटक के कोडागु जिला पर्यटन के लिहाज़ से काफी फेमस है। पर्यटक यहाँ कोडवा संस्कृति को जानने और अनुभव लेने के लिए आते हैl इस यूनिक experience को और बेहतर समझने के लिए इस ऑनलाइन museum को पर्यटक visit कर रहे हैं, जहाँ पर कोडवा कल्चर से जुडी हर जानकारी दी गई है।