TraveTv.News के इस कड़ी में निम्न्लिखित मुख्य ख़बरे हैं
- राजस्थान का जैसलमेर अपने सुनहरे रेगिस्तान और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित सैम सैंड ड्यून्स पर्यटकों को थार रेगिस्तान का असली अनुभव कराते हैं। 30 से 60 मीटर ऊँचे ये रेत के टीले सूर्यास्त और सूर्योदय के समय सोने की तरह चमक उठते हैं ।
- सैम सैंड ड्यून्स आने वाले पर्यटक यहाँ कई गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। ऊँट सफारी सबसे लोकप्रिय है, जहाँ रेत के बीच ऊँट की सवारी एक अविस्मरणीय अनुभव देती है। रोमांच पसंद करने वालों के लिए जीप सफारी, पैरामोटरिंग, पैरासेलिंग और पैराग्लाइडिंग जैसे एडवेंचर विकल्प भी मौजूद हैं। शाम के समय रेगिस्तानी कैंपों में लोक नृत्य, कठपुतली शो और पारंपरिक संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। तारों के नीचे कैंपिंग और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद यात्रियों की शाम को और भी खास बना देता है।
- सैम सैंड ड्यून्स में शामें राजस्थान की संस्कृति से सराबोर हो उठती हैं। यहाँ लोक नृत्य, गीत, पारंपरिक संगीत और रंग-बिरंगे परिधानों से सजे सांस्कृतिक कार्यक्रम पर्यटकों को अनोखा अनुभव देते हैं। दर्शक चाहें तो कलाकारों के साथ नृत्य में भी शामिल हो सकते हैं। ये कार्यक्रम आमतौर पर रेगिस्तानी शिविरों या खुले मंच पर आयोजित होते हैं और एक से दो घंटे तक चलते हैं।
- ठहरने के लिए सैम सैंड ड्यून्स और उसके आसपास हर बजट के विकल्प मौजूद हैं। रेगिस्तानी कैंप, जैसे रॉयल डेज़र्ट कैंप और राजपुताना डेज़र्ट कैंप, 1500 से 5000 रुपये प्रति व्यक्ति तक की लागत में उपलब्ध हैं। होटल और रिसॉर्ट्स भी पर्यटकों को आधुनिक और लक्ज़री अनुभव प्रदान करते हैं। होटल रंग महल और गोल्डन हवेली जैसे विकल्प मध्यम बजट के लिए उपयुक्त हैं, जबकि सूर्यगढ़ और जैसलमेर मैरियट रिसॉर्ट जैसे विकल्प 5000 रुपये से ऊपर की श्रेणी में आते हैं।
- सैम सैंड ड्यून्स घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च माना जाता है। इस दौरान तापमान सुहावना रहता है और पर्यटक रेगिस्तान महोत्सव, ऊँट मेला, दिवाली और होली जैसे कार्यक्रमों का आनंद उठा सकते हैं। गर्मी और मानसून के मौसम में यहाँ आना कठिन हो सकता है।
- सैम सैंड ड्यून्स के आसपास कई दर्शनीय स्थल भी मौजूद हैं। डेज़र्ट नेशनल पार्क दुर्लभ पक्षियों और जीव-जंतुओं का घर है। खुरी गाँव ग्रामीण जीवन और पारंपरिक व्यंजनों का अनुभव कराता है। कुलधरा गाँव अपनी रहस्यमयी और वीरान बस्ती के लिए जाना जाता है। वहीं जैसलमेर किला और गड़ीसर झील शहर की ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता का परिचय देते हैं।
- यहाँ के स्थानीय व्यंजन यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। दाल बाटी चूरमा, कैर-सांगरी, बाजरे की रोटी और लहसुन की चटनी सैलानियों को राजस्थान का असली स्वाद चखाते हैं। खरीदारी के शौकीनों के लिए ऊँट-चमड़े के बैग, रंगीन राजस्थानी jewellery, हस्तशिल्प और कढ़ाईदार कपड़े बेहतरीन विकल्प हैं।
- इस पूरे अनुभव को जीने के लिए सैम सैंड ड्यून्स और आसपास की जगहों में दो से तीन दिन का समय पर्याप्त है। यहाँ की सुनहरी रेत, लोक संस्कृति और रेगिस्तानी रातें हर यात्री को एक अविस्मरणीय याद दे जाती हैं।