Purushwadi : Firefly Village (October 4, 2025)

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TraveTv.News के इस कड़ी में निम्न्लिखित मुख्य ख़बरे हैं

  • महाराष्ट्र के सह्याद्रि पर्वतों में बसा छोटा-सा गाँव पुरूषवाड़ी आजकल पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह गाँव हर साल बरसात की शुरुआत के साथ ही एक अनोखे नजारे का गवाह बनता है। अंधेरी रातों में जब लाखों जुगनू एक साथ चमकते हैं तो पूरा गाँव और घाटी किसी स्वप्नलोक जैसी दिखाई देने लगती है।
    जून से अगस्त के बीच मानसून की पहली बारिश के साथ जुगनू पेड़ों और झाड़ियों को रोशनी से सजा देते हैं। यह प्राकृतिक “लाइट शो” किसी आतिशबाज़ी या क्रिसमस लाइट से कम नहीं लगता। शहरों की चकाचौंध और बढ़ते प्रकाश प्रदूषण के कारण जहाँ जुगनू लगभग गायब हो चुके हैं, वहीं पुरूषवाड़ी में उनकी चमक अब भी बरकरार है। यही कारण है कि यह गाँव अब ऑफबीट डेस्टिनेशन की तलाश करने वालों के लिए खास जगह बन चुका है।
  • पुरूषवाड़ी आने वाले पर्यटकों के लिए जुगनुओं का नजारा सबसे बड़ा आकर्षण है, लेकिन इसके अलावा भी यहाँ बहुत कुछ करने और देखने को मिलता है। रात में आसमान में साफ दिखाई देने वाले तारे और आकाशगंगा यहाँ के वातावरण को और जादुई बना देते हैं। यह जगह स्टारगेज़िंग के शौकीनों के लिए आदर्श है। गाँव में रहते हुए आप स्थानीय ग्रामीण जीवन का अनुभव कर सकते हैं। मछुआरों और किसानों के कामकाज को करीब से देखने और उनकी संस्कृति को जानने का अवसर पर्यटकों के लिए बेहद रोचक होता है।
  • यहाँ Grassroutes Journeys के माध्यम से सामुदायिक पर्यटन की सुविधा उपलब्ध है। इसके अंतर्गत आप स्थानीय परिवारों के साथ रह सकते हैं, पारंपरिक भोजन का स्वाद ले सकते हैं और गाँव की परंपराओं को समझ सकते हैं। आसपास की पहाड़ियाँ और हरियाली ट्रेकिंग तथा नेचर वॉक्स के लिए आदर्श हैं। बारिश के मौसम में इन रास्तों पर चलना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव होता है।
  • गाँव का खाना भी सादगी और स्वाद से भरा हुआ है। यहाँ आने वाले पर्यटक भाकरी, पिठला और वरण-भात जैसे पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं। मौसमी सब्जियों और घरेलू मसालों से बने व्यंजन यहाँ की खासियत हैं। गाँव की महिलाएँ अचार और चटनी बनाती हैं, जिनका स्वाद लंबे समय तक याद रहता है।
  • शॉपिंग की बात करें तो पुरूषवाड़ी में बड़े बाज़ार भले ही न हों, लेकिन स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए बाँस और लकड़ी के उत्पाद, हस्तनिर्मित सजावटी सामान और घरेलू उत्पाद यहाँ से स्मृति चिन्ह के रूप में खरीदे जा सकते हैं। ये वस्तुएँ न केवल यादगार होती हैं बल्कि स्थानीय समुदाय की जीविका को भी सहारा देती हैं।
  • रहने की सुविधा के लिए यहाँ पाँच सितारा होटल नहीं हैं, लेकिन इको-रिसॉर्ट्स, टेंट स्टे और होमस्टे उपलब्ध हैं। होमस्टे में रहने का अनुभव पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली से जोड़ देता है। यह अनुभव पर्यटकों को केवल एक यात्री नहीं बल्कि गाँव का हिस्सा बना देता है।
  • पुरूषवाड़ी घूमने का सबसे अच्छा समय जून से अगस्त के बीच का होता है, जब जुगनू अपनी पूरी चमक में होते हैं। हालाँकि अक्टूबर से मार्च तक भी यह जगह प्रकृति और शांति चाहने वालों के लिए आदर्श है।
  • मुंबई से यहाँ पहुँचना आसान है। यह गाँव सड़क मार्ग से लगभग चार से पाँच घंटे की दूरी पर है। आप चाहें तो मुंबई लोकल ट्रेन से नजदीकी स्टेशन तक आकर वहाँ से टैक्सी या बस लेकर गाँव पहुँच सकते हैं।
  • पुरूषवाड़ी उन सभी यात्रियों के लिए आदर्श है जो भीड़भाड़ से दूर शांति और प्राकृतिक सुंदरता की तलाश में हैं। यह जगह खासकर प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफी के शौकीनों, संस्कृति और ग्रामीण जीवन जानने वालों तथा रोमांच पसंद यात्रियों के लिए उपयुक्त है।
  • पुरूषवाड़ी केवल एक डेस्टिनेशन नहीं बल्कि एक अनुभव है। यहाँ की जगमगाहट और गाँव की आत्मीयता हर पर्यटक के दिल को छू जाती है। बरसात की पहली फुहारों के साथ यह गाँव अपनी असली सुंदरता दिखाता है और हर उस यात्री को आमंत्रित करता है जो जीवन में कुछ अनोखा अनुभव करना चाहता है।