Kailash Temple, Ellora (November 1, 2025)

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TraveTv.News के इस कड़ी में निम्न्लिखित मुख्य ख़बरे हैं

  • Travel TV में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे हर उस व्यक्ति को ज़रूर देखना चाहिए जो अद्भुत, अनोखे और अविस्मरणीय स्थलों को एक्सप्लोर करने का शौक रखता है — और जो असल भारत के रंगों को करीब से महसूस करना चाहता है। आज बात एलोरा के कैलाश मंदिर की l
  • वैसे तो अजंता और एलोरा की गुफाएँ अपने अद्भुत शिल्प और ऐतिहासिक महत्व के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं, लेकिन एलोरा में स्थित कैलाश मंदिर को गहराई से समझना और देखना अपने आप में एक अलग अनुभव है।
  • महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थल, वास्तव में मानव श्रम, आस्था और Architectural Excellence का अद्भुत संगम है।
  • यहाँ आकर ऐसा लगता है जैसे पत्थर बोल उठे हों, जैसे हजारों साल पहले किसी ने अपने विश्वास को इस चट्टान में सांस दे दी हो।एलोरा के कैलाश मंदिर की खासियत यह है कि यह पूरी तरह एक ही विशाल चट्टान को काटकर ऊपर से नीचे तक तराशा गया है।
  • करीब 100 फीट ऊँची चट्टान से तराशे गए इस मंदिर की लंबाई लगभग 300 फीट और
  • चौड़ाई 175 फीट है l यह दुनिया की सबसे बड़ी monolithic संरचना मानी जाती है
  • कैलाश मंदिर में भगवान शिव और पार्वती की कथाएँ, रावण द्वारा कैलाश पर्वत उठाने का दृश्य, और हाथियों की विशाल नक्काशी — यह सब मिलकर इसे भारतीय कला का बेजोड़ चमत्कार बनाती हैं।मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर गर्भगृह तक, हर दीवार पर बेहद महीन नक्काशी की गई है l
  • यहाँ पहुँचने के लिए nearest airport औरंगाबाद एयरपोर्ट है, जो मुंबई, दिल्ली और पुणे से अच्छी तरह जुड़ा हुआ ।एलोरा, मुंबई से लगभग 350 किलोमीटर ….मुंबई से by road यहाँ पहुंचना भी अपने आप में एक experience है l
  • औरंगाबाद में हर बजट के होटल और रिसॉर्ट्स हैं —Vivanta Aurangabad, Lemon Tree Hotel, WelcomHotel Rama International जैसे प्रीमियम विकल्पों से लेकर budget homestays और heritage lodges तक सब उपलब्ध हैं। अगर आप शांत वातावरण पसंद करते हैं तो एलोरा के पास बने eco-resorts या farm stays में रहना एक अनोखा अनुभव होगा।
  • इस ट्रिप में culinary experience add करके इसे और भी ज्यादा यादगार बनाया जा सकता है l यहाँ पिटला-भाकर, ठालीपीठ,और पुरणपोली जरूर taste करें।
  • एलोरा और औरंगाबाद में हिमरू शॉल, पैठणी साड़ी, और हैंडलूम cloths ज़रूर देखें।
  • ये सब स्थानीय कारीगरों की परंपरागत कला का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • अगर आपको पत्थर की नक्काशी या हैंडीक्राफ्ट पसंद है, तो एलोरा के आसपास छोटे दुकानों से stone carvings और miniature sculptures भी मिलते हैं।
  • यहाँ visit करने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे उपयुक्त है।इस दौरान मानसून के बाद की हरियाली और ठंडी हवाएँ एलोरा की यात्रा को और भी यादगार बना देती हैं।
  • कैलाश मंदिर को समझना, दरअसल, भारत की आत्मा को समझना है—जहाँ भक्ति, स्थापत्य और कल्पना एक साथ मिलकर कुछ ऐसा रचते हैं जो सदियों बाद भी विस्मित कर देता है।
  • एलोरा का कैलाश मंदिर सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं — यह भारत की आध्यात्मिक और स्थापत्य आत्मा का जीवित प्रतीक है।