Explore Gunji (October 26, 2024)

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TraveTv.News के इस कड़ी में निम्न्लिखित मुख्य ख़बरे हैं

  • Traveltv के आज के एपिसोड में हम बात एक ऐसे उभरते हुए डेस्टिनेशन की कर रहे हैं, जो धीरे धीरे भारत में डोमेस्टिक टूरिस्ट के लिए एक aspiring डेस्टिनेशन बन रहा है और साथ ही इनबाउंड टूरिस्ट को वेलकम करने के लिए भी तैयार हो रहा है। इस डेस्टिनेशन कोTravel tv के आज के एपिसोड में हम बात एक ऐसे उभरते हुए डेस्टिनेशन की कर रहे हैं, जो धीरे धीरे भारत में डोमेस्टिक टूरिस्ट के लिए एक aspiring डेस्टिनेशन बन रहा है और साथ ही इनबाउंड टूरिस्ट को वेलकम करने के लिए भी तैयार हो रहा है। इस डेस्टिनेशन को हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ़ टूरिज्म ने बेस्ट टूरिस्ट village के ख़िताब से भी नवाजा है। डेस्टिनेशन का नाम है गूंजी और ये जगह मौजूद है देवभूमि उत्तराखंड में।
  • गुंजी भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील का एक छोटा सा गाँव है। ये तिब्बत और नेपाल की सीमा के पास स्थित है। यह गाँव धारचूला से 65 किलोमीटर दूर 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस उभरते हुए डेस्टिनेशन को शिव नगरी के रूप में विकसित किये जाने का प्लान है। और माना जा रहा है कि जल्द ही ये डेस्टिनेशन भारत में आध्यात्म के एक बड़े केंद्र के रूप में उभर सकता है।
  • गूंजी में जाने से पहले इनर लाइन परमिट लेना होता है, जो धारचूला में SDM द्वारा जारी किया जाता है। इस परमिट को लेने के लिए एक वैध ID, medical certificate होना ज़रूरी होता है। एक बार परमिट मिलने के बाद धारचूला से आप अपनी यात्रा शुरू कर सकते हो जो भारत के विभिन्न हिस्सों से by road very well connected है। धारचूला से गूंजी की यात्रा करते समय आपको शारदा नदी के तट के साथ साथ रोमांच से भरपूर कर देने वाले दृश देखने को मिलेंगे।
  • गूंजी अपने सुदूर स्थान के बावजूद कई आवश्यक सुविधाओं से भरपूर है। यहाँ एक भारत-तिब्बत सीमा पुलिस शिविर, एक BSF शिविर, एक ख़ुफ़िया ब्यूरो कार्यालय और यहाँ पर स्टेट बैंक की एक अस्थाई साखा भी है l ट्रैकरस और यात्रियों के लिए गूंजी आराम करने और उर्जा प्राप्त करने का स्थान भी है। कैलाश मानसरोवर ट्रैक और अन्य हिमालयी रोमांच पर जाने वालों के लिए ये एक महतवपूर्ण पड़ाव है। इसके अलावा ओम पर्वत और पुराने लिपुलेख दर्रे के लिए यहाँ day visit किया जा सकता है। कुथी घाटी और कालापानी नदी किनारे शांत वातावरण में समय बिताया जा सकता है। गूंजी गाँव से भारत तिब्बत सीमा को भी बहुत करीब से देखने का अनुभव किया जा सकता है। यहाँ आपको authentic लोकल फ़ूड का स्वाद चखने को ही मिलेगा। उसमें भी ब्रेकफास्ट में चिल्डा ज़रूर try करें। गूंजी के लिए पिथोरागढ़ के लिए हेलिकोप्टर सेवा भी उपलब्ध है। और पिथोरागढ़ तक हल्द्वानी से हेलीकाप्टर या by road आया जा सकता है।
  • बात accommodation की करे तो ….रहने के लिए यहाँ कुमाओं मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस है और कुछ होम स्टे भी हैं। गुंजी गांव न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है, बल्कि यह साहसिक गतिविधियों के शौकीनों के लिए भी एक एडवेंचर experience प्रदान करता है। यदि आप एक unforgettable और शांतिपूर्ण यात्रा की तलाश में हैं, तो गुंजी आपका सही डेस्टिनेशन है! हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ़ टूरिज्म ने बेस्ट टूरिस्ट village के ख़िताब से भी नवाजा है …..डेस्टिनेशन का नाम है गूंजी और ये जगह मौजूद है देवभूमि उत्तराखंड में।
  • गुंजी भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील का एक छोटा सा गाँव है। ये तिब्बत और नेपाल की सीमा के पास स्थित है। यह गाँव धारचूला से 65 किलोमीटर दूर 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस उभरते हुए डेस्टिनेशन को शिव नगरी के रूप में विकसित किये जाने का प्लान है। और माना जा रहा है कि जल्द ही ये डेस्टिनेशन भारत में आध्यात्म के एक बड़े केंद्र के रूप में उभर सकता है।
  • गूंजी में जाने से पहले इनर लाइन परमिट लेना होता है, जो धारचूला में SDM द्वारा जारी किया जाता है। इस परमिट को लेने के लिए एक वैध ID, medical certificate होना ज़रूरी होता है। एक बार परमिट मिलने के बाद धारचूला से आप अपनी यात्रा शुरू कर सकते हो जो भारत के विभिन्न हिस्सों से by road very well connected है। धारचूला से गूंजी की यात्रा करते समय आपको शारदा नदी के तट के साथ साथ रोमांच से भरपूर कर देने वाले दृश देखने को मिलेंगे।
  • गूंजी अपने सुदूर स्थान के बावजूद कई आवश्यक सुविधाओं से भरपूर है। यहाँ एक भारत-तिब्बत सीमा पुलिस शिविर, एक BSF शिविर, एक ख़ुफ़िया ब्यूरो कार्यालय और यहाँ पर स्टेट बैंक की एक अस्थाई साखा भी है। ट्रैकरस और यात्रियों के लिए गूंजी आराम करने और उर्जा प्राप्त करने का स्थान भी है। कैलाश मानसरोवर ट्रैक और अन्य हिमालयी रोमांच पर जाने वालों के लिए ये एक महतवपूर्ण पड़ाव है। इसके अलावा ओम पर्वत और पुराने लिपुलेख दर्रे के लिए यहाँ day visit किया जा सकता है। कुथी घाटी और कालापानी नदी किनारे शांत वातावरण में समय बिताया जा सकता है। गूंजी गाँव से भारत तिब्बत सीमा को भी बहुत करीब से देखने का अनुभव किया जा सकता है। यहाँ आपको authentic लोकल फ़ूड का स्वाद चखने को ही मिलेगा। उसमें भी ब्रेकफास्ट में चिल्डा ज़रूर try करें lगूंजी के लिए पिथोरागढ़ के लिए हेलिकोप्टर सेवा भी उपलब्ध है। और पिथोरागढ़ तक हल्द्वानी से हेलीकाप्टर या by road आया जा सकता है।
  • बात accommodation की करे तो ….रहने के लिए यहाँ कुमाओं मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस है और कुछ होम स्टे भी।