TraveTv.News के इस कड़ी में निम्न्लिखित मुख्य ख़बरे हैं
- Travel.Tv के आज के स्पेशल एपिसोड में एक ऐसे बीच डेस्टिनेशन की जानकारी आपको देंगे जहाँ आधुनिक मौज मस्ती के साथ साथ पौराणिक इतिहास का बहुत अच्छा ब्लेंड एक्स्पेरिंस किया जा सकता है। आज चलते हैं भारत के पश्चमी छोर गुजरात और मांडवी बीच और उसके आस पास घूमने लायक जगहों को एक्स्प्लोर करते हैं।
- मांडवी गुजरात के कच्छ जिले में अरब सागर के तट पर एक छोटा सा शहर है। ये वो जगह हैं जहाँ रुक्मावती नदी कच्छ की खाड़ी से मिलती है। अपने जहाज निर्माण और कुटीर उद्योगों के लिए प्रसिद्ध, बंदरगाह शहर मांडवी की स्थापना 1580 ईस्वी में कच्छ के पहले जडेजा शासक राव खेंगरजी ने की थी। शहर को एक किले के भीतर बनाया गया था जिसमें 8 मीटर ऊंची दीवार, कई द्वार और 25 बुर्ज थे। मौजूदा समय में दीवार लगTravel.Tv के आज के स्पेशल एपिसोड में एक ऐसे बीच डेस्टिनेशन की जानकारी आपको देंगे जहाँ आधुनिक मौज मस्ती के साथ साथ पौराणिक इतिहास का बहुत अच्छा ब्लेंड एक्स्पेरिंस किया जा सकता है। आज चलते हैं भारत के पश्चमी छोर गुजरात और मांडवी बीच और उसके आस पास घूमने लायक जगहों को एक्स्प्लोर करते हैं।
- मांडवी गुजरात के कच्छ जिले में अरब सागर के तट पर एक छोटा सा शहर है। ये वो जगह हैं जहाँ रुक्मावती नदी कच्छ की खाड़ी से मिलती है। अपने जहाज निर्माण और कुटीर उद्योगों के लिए प्रसिद्ध, बंदरगाह शहर मांडवी की स्थापना 1580 ईस्वी में कच्छ के पहले जडेजा शासक राव खेंगरजी ने की थी। शहर को एक किले के भीतर बनाया गया था जिसमें 8 मीटर ऊंची दीवार, कई द्वार और 25 बुर्ज थे। मौजूदा समय में दीवार लगभग नष्ट हो चुकी है, लेकिन south वेस्ट में सबसे बड़ा बुर्ज देखा जा सकता है जो अभी भी एक लाइटहाउस के रूप में कार्य करता है।
- बीच में water स्पोर्ट्स activates को एन्जॉय करने के साथ साथ विजय विलास पैलेस यहाँ पहुँच कर must visit लोकेशन है। यह एक शानदार महल है जिसे 1929 में कच्छ के शासक महाराव श्री खेंगरजी तृतीय ने बनवाया था। यह अपने गुंबदों, बालकनियों, खिड़कियों और बगीचों के साथ राजपूत वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है।
- यहाँ मौजूद ship बिल्डिंग यार्ड में लड़की की नावों को बनते देखना भी बेहद शानदार एक्स्पेरिंस है। आप इन शानदार जहाजों को बनाने के लिए प्राचीन तकनीकों और औजारों का उपयोग करते हुए कुशल कारीगरों को काम करते हुए देख सकते हैं।
- यहाँ मौजूद विंडमिल पार्क में एक साथ कई पवन चकियों को देखना बेहद mesmerising experience है। भारत में ऐसा नज़ारा इक्का दुक्का जगह ही देखने को मिलेगा। इस पार्क में एक रिसोर्ट भी है जहाँ ठहरना अपने आप में बेहद रोमांचकारी आप्शन है।
- नीले समुद्र और लहराते ताड़ के पेड़ों से घिरे मांडवी में रहने के कई विकल्प हैं, बजट होटलों से लेकर उन लोगों के लिए जो किफायती विकल्प की तलाश में हैं, स्टार होटल जो स्टाइल और भव्यता में सर्वश्रेष्ठ प्रदान करते हैं। विजय विलास हेरिटेज, सीरीना बीच रिसोर्ट , place बीच कैंप रिसोर्ट यहाँ कुछ लक्ज़री accommodation option में से हैं।
- अब बात कुछ खाने-पीने की कर लेते हैं…दाबेली, मांडवी की एक प्रसिद्ध डिश है. कहा जाता है कि इसका आविष्कार 1960 के दशक में कच्छ के मांडवी निवासी केशवजी गभा चुडासमा ने किया था। आज भी मांडवी में बनने वाले दाबेली मसाले को सबसे प्रामाणिक माना जाता है। लेकिन इसके अलावा गोवा style मछली करी और झींगा करी और vegetarian को दाल डोकली ज़रूर try करना चाहिए।
- रुद्रमाता एअरपोर्ट मांडवी का निकटतम एअरपोर्ट है जो मुंबई से very well connected है। जबकि अहमदाबाद हवाई एअरपोर्ट निकटतम इंटरनेशनल एयर पोर्ट है जो मांडवी से लगभग 406 किमी दूर है।
- मांडवी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है। उत्तरायण गुजरात के साथ-साथ मांडवी में मनाया जाने वाला सबसे लोकप्रिय त्योहार है। इस अवसर पर कुछ वर्षों से मांडवी शहर में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव मनाया जा रहा है।भग नष्ट हो चुकी है, लेकिन south वेस्ट में सबसे बड़ा बुर्ज देखा जा सकता है जो अभी भी एक लाइटहाउस के रूप में कार्य करता है।